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सच्चे न्याय के लिए दलील 
आसाप का भजन 
 १ परमेश्वर दिव्य सभा में खड़ा है: 
वह ईश्वरों के बीच में न्याय करता है। 
 २ “तुम लोग कब तक टेढ़ा न्याय करते 
और दुष्टों का पक्ष लेते रहोगे*? (सेला) 
 ३ कंगाल और अनाथों का न्याय चुकाओ, 
दीन-दरिद्र का विचार धर्म से करो। 
 ४ कंगाल और निर्धन को बचा लो; 
दुष्टों के हाथ से उन्हें छुड़ाओ।” 
 ५ वे न तो कुछ समझते और न कुछ जानते हैं, 
परन्तु अंधेरे में चलते-फिरते रहते हैं*; 
पृथ्वी की पूरी नींव हिल जाती है। 
 ६ मैंने कहा था “तुम ईश्वर हो, 
और सब के सब परमप्रधान के पुत्र हो; (यूह. 10:34) 
 ७ तो भी तुम मनुष्यों के समान मरोगे, 
और किसी प्रधान के समान गिर जाओगे।” 
 ८ हे परमेश्वर उठ, पृथ्वी का न्याय कर; 
क्योंकि तू ही सब जातियों को अपने भाग में लेगा!