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आज्ञाकारिता के लिये बुलाहट 
प्रधान बजानेवाले के लिये : गित्तीथ राग में आसाप का भजन 
 १ परमेश्वर जो हमारा बल है, उसका गीत आनन्द से गाओ; 
याकूब के परमेश्वर का जयजयकार करो! (भज. 67:4) 
 २ गीत गाओ, डफ और मधुर बजनेवाली वीणा और सारंगी को ले आओ। 
 ३ नये चाँद के दिन, 
और पूर्णमासी को हमारे पर्व के दिन नरसिंगा फूँको। 
 ४ क्योंकि यह इस्राएल के लिये विधि, 
और याकूब के परमेश्वर का ठहराया हुआ नियम है। 
 ५ इसको उसने यूसुफ में चितौनी की रीति पर उस समय चलाया, 
जब वह मिस्र देश के विरुद्ध चला। 
वहाँ मैंने एक अनजानी भाषा सुनी 
 ६ “मैंने उनके कंधों पर से बोझ को उतार दिया; 
उनका टोकरी ढोना छूट गया। 
 ७ तूने संकट में पड़कर पुकारा, तब मैंने तुझे छुड़ाया; 
बादल गरजने के गुप्त स्थान में से मैंने तेरी सुनी, 
और मरीबा नामक सोते के पास* तेरी परीक्षा की। (सेला) 
 ८ हे मेरी प्रजा, सुन, मैं तुझे चिता देता हूँ! 
हे इस्राएल भला हो कि तू मेरी सुने! 
 ९ तेरे बीच में पराया ईश्वर न हो; 
और न तू किसी पराए देवता को दण्डवत् करना! 
 १० तेरा परमेश्वर यहोवा मैं हूँ, 
जो तुझे मिस्र देश से निकाल लाया है। 
तू अपना मुँह पसार, मैं उसे भर दूँगा*। (भज. 37:3-4) 
 ११ “परन्तु मेरी प्रजा ने मेरी न सुनी; 
इस्राएल ने मुझ को न चाहा। 
 १२ इसलिए मैंने उसको उसके मन के हठ पर छोड़ दिया, 
कि वह अपनी ही युक्तियों के अनुसार चले। (प्रेरि. 14:16,) 
 १३ यदि मेरी प्रजा मेरी सुने, 
यदि इस्राएल मेरे मार्गों पर चले।” 
 १४ तो मैं क्षण भर में उनके शत्रुओं को दबाऊँ, 
और अपना हाथ उनके द्रोहियों के विरुद्ध चलाऊँ। 
 १५ यहोवा के बैरी उसके आगे भय में दण्डवत् करे! 
उन्हें हमेशा के लिए अपमानित किया जाएगा। 
 १६ मैं उनको उत्तम से उत्तम गेहूँ खिलाता, 
और मैं चट्टान के मधु से उनको तृप्त करता।”