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स्तुति करने का आह्वान 
यात्रा का गीत 
 १ हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, 
तुम जो रात-रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो*, 
यहोवा को धन्य कहो। (प्रका. 19:5) 
 २ अपने हाथ पवित्रस्थान में उठाकर, 
यहोवा को धन्य कहो। 
 ३ यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, 
वह सिय्योन से तुझे आशीष देवे।