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धर्मी व्यक्ति के लक्षण 
 १ यहोवा की स्तुति करो! 
क्या ही धन्य है वह पुरुष जो यहोवा का भय मानता है, 
और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है! 
 २ उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा*; 
सीधे लोगों की सन्तान आशीष पाएगी। 
 ३ उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है; 
और उसका धर्म सदा बना रहेगा। 
 ४ सीधे लोगों के लिये अंधकार के बीच में ज्योति उदय होती है; 
वह अनुग्रहकारी, दयावन्त और धर्मी होता है। 
 ५ जो व्यक्ति अनुग्रह करता और उधार देता है, 
और ईमानदारी के साथ अपने काम करता है, उसका कल्याण होता है। 
 ६ वह तो सदा तक अटल रहेगा; 
धर्मी का स्मरण सदा तक बना रहेगा। 
 ७ वह बुरे समाचार से नहीं डरता; 
उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है। 
 ८ उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिए वह न डरेगा, 
वरन् अपने शत्रुओं पर दृष्टि करके सन्तुष्ट होगा। 
 ९ उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया*, 
उसका धर्म सदा बना रहेगा; 
और उसका सींग आदर के साथ ऊँचा किया जाएगा। (2 कुरि. 9:9) 
 १० दुष्ट इसे देखकर कुढ़ेगा; 
वह दाँत पीस-पीसकर गल जाएगा; 
दुष्टों की लालसा पूरी न होगी। (प्रेरि. 7:54)