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हताशा में मदद के लिए प्रार्थना गीत; 
कोरहवंशियों का भजन 
प्रधान बजानेवाले के लिये : महलतलग्नोत राग में एज्रावंशी हेमान का मश्कील 
 १ हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर यहोवा, 
मैं दिन को और रात को तेरे आगे चिल्लाता आया हूँ। 
 २ मेरी प्रार्थना तुझ तक पहुँचे, 
मेरे चिल्लाने की ओर कान लगा! 
 ३ क्योंकि मेरा प्राण क्लेश से भरा हुआ है, 
और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुँचा है। 
 ४ मैं कब्र में पड़नेवालों में गिना गया हूँ; 
मैं बलहीन पुरुष के समान हो गया हूँ। 
 ५ मैं मुर्दों के बीच छोड़ा गया हूँ, 
और जो घात होकर कब्र में पड़े हैं, 
जिनको तू फिर स्मरण नहीं करता 
और वे तेरी सहायता रहित हैं, 
उनके समान मैं हो गया हूँ। 
 ६ तूने मुझे गड्ढे के तल ही में, 
अंधेरे और गहरे स्थान में रखा है। 
 ७ तेरी जलजलाहट मुझी पर बनी हुई है*, 
और तूने अपने सब तरंगों से मुझे दुःख दिया है। (सेला) 
 ८ तूने मेरे पहचानवालों को मुझसे दूर किया है; 
और मुझ को उनकी दृष्टि में घिनौना किया है। 
मैं बन्दी हूँ और निकल नहीं सकता; (अय्यू. 19:13, भजन 31:11, लूका 23:49) 
 ९ दुःख भोगते-भोगते मेरी आँखें धुँधला गई। 
हे यहोवा, मैं लगातार तुझे पुकारता और अपने हाथ तेरी ओर फैलाता आया हूँ। 
 १० क्या तू मुर्दों के लिये अद्भुत काम करेगा? 
क्या मरे लोग उठकर तेरा धन्यवाद करेंगे? (सेला) 
 ११ क्या कब्र में तेरी करुणा का, 
और विनाश की दशा में तेरी सच्चाई का वर्णन किया जाएगा? 
 १२ क्या तेरे अद्भुत काम अंधकार में, 
या तेरा धर्म विश्वासघात की दशा में जाना जाएगा? 
 १३ परन्तु हे यहोवा, मैंने तेरी दुहाई दी है; 
और भोर को मेरी प्रार्थना तुझ तक पहुँचेगी। 
 १४ हे यहोवा, तू मुझ को क्यों छोड़ता है? 
तू अपना मुख मुझसे क्यों छिपाता रहता है? 
 १५ मैं बचपन ही से दुःखी वरन् अधमुआ हूँ, 
तुझसे भय खाते* मैं अति व्याकुल हो गया हूँ। 
 १६ तेरा क्रोध मुझ पर पड़ा है; 
उस भय से मैं मिट गया हूँ। 
 १७ वह दिन भर जल के समान मुझे घेरे रहता है; 
वह मेरे चारों ओर दिखाई देता है। 
 १८ तूने मित्र और भाईबन्धु दोनों को मुझसे दूर किया है; 
और मेरे जान-पहचानवालों को अंधकार में डाल दिया है।