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परमेश्वर के उद्धार के लिये प्रतिक्षा 
प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन। यदूतून की राग पर 
 १ सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेश्वर की ओर मन लगाए हूँ 
मेरा उद्धार उसी से होता है। 
 २ सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है, 
वह मेरा गढ़ है मैं अधिक न डिगूँगा। 
 ३ तुम कब तक एक पुरुष पर धावा करते रहोगे, 
कि सब मिलकर उसका घात करो? 
वह तो झुकी हुई दीवार या गिरते हुए बाड़े के समान है। 
 ४ सचमुच वे उसको, उसके ऊँचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; 
वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं। 
मुँह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं। (सेला) 
 ५ हे मेरे मन, परमेश्वर के सामने चुपचाप रह, 
क्योंकि मेरी आशा उसी से है। 
 ६ सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है, 
वह मेरा गढ़ है; इसलिए मैं न डिगूँगा। 
 ७ मेरे उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्वर है; 
मेरी दृढ़ चट्टान, और मेरा शरणस्थान परमेश्वर है। 
 ८ हे लोगों, हर समय उस पर भरोसा रखो; 
उससे अपने-अपने मन की बातें खोलकर कहो*; 
परमेश्वर हमारा शरणस्थान है। (सेला) 
 ९ सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; 
तौल में वे हलके निकलते हैं; 
वे सब के सब साँस से भी हलके हैं। 
 १० अत्याचार करने पर भरोसा मत रखो, 
और लूट पाट करने पर मत फूलो; 
चाहे धन सम्पत्ति बढ़े, तो भी उस पर मन न लगाना। (मत्ती 19:21-22, 1 तीमु. 6:17) 
 ११ परमेश्वर ने एक बार कहा है; 
और दो बार मैंने यह सुना है: 
कि सामर्थ्य परमेश्वर का है* 
 १२ और हे प्रभु, करुणा भी तेरी है। 
क्योंकि तू एक-एक जन को उसके काम के अनुसार फल देता है। (दानि. 9:9, मत्ती 16:27, रोम. 2:6, प्रका. 22:12)